पृष्ठभूमि
शिक्षा किसी भी राष्ट्र की उन्नति एवं विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है । परन्तु गरीबी उन लोगों के समक्ष एक बाधा बन जाती है जिन्हें शिक्षा की सर्वाधिक आवश्यकता है । ऐसे व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने से उनके समक्ष उत्पन्न अवरोधों को दूर करने में मदद मिलती है । भूतपूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं के बच्चों को शिक्षित करने में सहायता प्रदान करने के लिए 1981 में यह योजना प्रारंभ की गयी । शुरूआत में इसमें परिवार के अधिकतम तीन बच्चों को कक्षा बारहवीं तक हर बच्चे को प्रति महीने 15 रू. की राशि प्रदान की गई । पिछली बार इस योजना को अक्टूबर 2011 में संशोधित किया गया और हर बच्चे (अधिकतम दो बच्चे) को स्नातक और विधवाओं को स्नातकोत्तर तक प्रति महीने 1000 रू. की अनुदान सहायता प्रदान की गई ।
वर्तमान योजना
वर्तमान में योग्य भूतपूर्व सैनिक एवं उनकी विधवाओं को एक वित्तीय वर्ष में एक किस्त में देय पूर्व शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रति महीने 1000 रू. प्रति व्यक्ति राशि की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है । यह योजना विद्यालय में कक्षा एक से बारहवीं तथा डिग्री महाविद्यालय की स्नातक कक्षाओं पर लागू है । यह अनुदान दो वर्ष की स्नातकोत्तर डिग्री पाने की इच्छुक विधवाओं के लिए भी उपलब्ध है । यह अनुदान किसी भी व्यावसायिक या तकनीकी कोर्स/डिग्री के लिए लागू नहीं है । यह सहायता भूतपूर्व सैनिक के दो आश्रित बच्चों के लिए सेना में हवलदार के पद और नौसेना तथा वायुसेना में समतुल्य पद और स्नातकोत्तर डिग्री के लिए उनकी विधवाओं तक सीमित है ।
लाभार्थियों की संख्या एवं वितरित राशि
उपर्युक्त योजना के अधीन गत तीन वर्षो में लाभार्थियों की सं. एवं वितरित राशि का ब्यौरा इस प्रकार है:-
वित्त वर्ष | लाभार्थियों की कुल संख्या | कुल वितरित की गई राशि |
---|---|---|
2019-20 | 17550 | 309264000 |
2020-21 | 16409 | 285528000 |
2021-22 | 161043 | 2859612000 |
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