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पेंशन

पेंशन विनियमन

यह विभाग (i) सेना (पीआरए), 1961, यथा संशोधित पीआरए 2008 के पेंशन विनियमों (ii) वायुसेना, 1961 के पेंशन विनियमों और (iii) नौसेना (पेंशन) विनियम, 1964 का संचालन करता है। यह कैचुअल्टी पेंशनरी अवार्ड, 2008 के लिए पात्रता नियमों से भी संबंधित है।

पेंशन के प्रकार

  • • सेवा पेंशन - अंतिम रूप से आहरित परिलब्धियों या अंतिम 10 माह के दौरान गणनीय परिलब्धियों के औसत, जो भी 9000/- रु. प्रतिमाह के न्यूनतम के अध्यधीन पेंशन के लिए अधिक लाभदायक हो, के 50% की दर से दी जाती है। पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम अर्हता सेवा कमीशन प्राप्त अधिकारियों के लिए 20 वर्ष और अधिकारी से नीचे रैंक के कार्मिकों के मामले में 15 वर्ष है।
  • • पारिवारिक पेंशन -न्यूनतम 9000/- रु. प्रतिमाह के अध्यधीन अंतिम रूप से आहरित गणनीय (कार्मिक की स्वाभाविक मृत्यु के मामले में) धनराशि के 30% की दर से दी जाती है।
  • • विशेष पारिवारिक पेंशन - दिवंगत (सैन्य सेवा करते हुए मृत्यु को प्राप्त या गंभीरतर हुए कार्मिक के मामले में) द्वारा अंतिम रूप से आहरित गणनीय परिलब्धियों के 60% की एक समान दर से दी जाती है।
  • • उदारीकृत पारिवारिक पेंशन - युद्ध या युद्ध जैसी कार्रवाइयों, काउटंर इनसर्जेंसी कार्रवाइयों, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ इत्यादि में मारे गए कार्मिकों परिवारों को दिवंगत द्वारा अंतिम रूप से आहरित की गई गणनीय परलब्धियों के बराबर दी जाती है।
  • • निःशक्तता पेंशन - सैन्य सेवा के कारण निःशक्त या गंभीरतर होने पर अयोग्य होने के मामले में दी जाती है। इसमें निःशक्तता अंश और सेवा अंश शामिल है। सेवा अंश सेवानिवृत्ति पेंशन अर्थात अंतिम रूप से आहरित गणनीय परिलब्धियों के 50% के बराबर है। निःशक्तता अंश 100% निःशक्तता होने पर अंतिम रूप से आहरित गणनीय परिलब्धियों का 30% होगा। निःशक्तता का अपेक्षाकृत कम प्रतिशत होने पर निःशक्तता अंश की धनराशि उसी अनुपात में कम कर दी जाती है। 20% से कम निःशक्तता के लिए कोई निःशक्तता अंश देय नहीं होगा। अयोग्यता मामलों के अलावा, यदि अन्यथा स्वीकार्य न हो तो, सेवा पेंशन के अतिरिक्त सैन्य सेवा के कारण निःशक्तता या गंभीर होने पर निःशक्तता अंश दिया जाता है।.

    प्रथम अपीलः यदि कार्मिकों को पात्र होने से मना करके कष्ट पहुंचाया जाता है तो वह, यदि चाहे तो, छह माह के भीतर रिकॉर्ड ऑफिस/सेवा मुख्यालयों के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है, जिस पर सैन्य बल कार्मिकों के लिए कैजुअल्टी पेंशनरी अवार्ड्स 2008 के पात्रता नियमों की शर्त (I) (क) में शामिल शर्त में प्रावधान के अनुसार प्रथम अपील के लिए गठित अपीलीय समिति द्वारा इस पर विचार किया जाएगा। अपीलीय समिति द्वारा अपील को मान्य ठहराने या अस्वीकार करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाएगा।
    द्वितीय अपीलः प्रथम अपील के निर्णय से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति इस उद्देश्य हेतु गठित समिति प्रथम अपील के लिए अपीलीय समिति के निर्णय के छह माह के भीतर कैजुअल्टी पेंशनरी अवार्ड्स, 2008 के पात्रता नियमों के खंड (I) (ख) में शामिल प्रावधान के अनुसार सैन्य बल कार्मिकों के लिए दूसरी अपील दाखिल कर सकता है।

  • • वार इंजरी पेंशन - विभिन्न रैंकों के लिए 100% निःशक्तता हेतु वार इंजरी अंश की दरें अवैध होने के मामले में अंतिम रूप से आहरित गणनीय परिलब्धियों के समान और डिस्चार्ज के मामले में अंतिम रूप से आहरित गणनीय परिलब्धियों का 60% होंगी, निःशक्तता 100% से कम होने पर इसे आनुपातिक रूप में कम किया जाएगा।
  • • इनवैलिड पेंशन - असमर्थता पेंशन ऐसे सेना कार्मिकों को दी जा सकती है निःशक्तता हो जाने के कारण सेवा करने में असमर्थ हो गए हैं जिसे न तो आरोग्य और न ही गंभीर (एनएएनए) स्वीकार किया जा सकता है। असमर्थता पेंशन के लिए आवश्यक न्यूनतम अर्हकारी सेवा 10 वर्ष थी। डीईएसडब्ल्यू पत्र दिनांक 16.07.2020 द्वारा न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा की आवश्यकतो को समाप्त कर दिया गया है। इस पत्र के लाभ उन सैन्य बल कार्मिकों को मिलेंगे जो दिनांक 04.01.2019 को या उसके पश्चात सेवा में थे और किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी जोकि सैन्य सेवा पर न तो आरोप्य है और न ही गंभीर (एनएएनए) है और जिसने उन्हें सैन्य सेवा और सिविल पुनःरोजगार से स्थायी रूप से अक्षम कर दिया है/अक्षम करती है, के कारण सेवा से असमर्थ हो जाते हैं।
  • • रिजर्विस्ट पेंशन - निर्धारित कंबाइंड कलर+रिजर्व सर्विस जो 75 वर्ष से कम न हो, के पूरे होने पर दी जाती है। यह एक सिपाही के लिए अनुमन्य न्यूनतम पेंशन की दो तिहाई होती है।

रक्षा पेंशनर और संवितरण एजेंसियां

भारत में 26 लाख से अधिक सशस्त्र बल पेंशनधारी/परिवार पेंशनधारी है और लगभग 55000 पेंशनधारी हर वर्ष जुड़ते जा रहे हैं। देश भर में फैले 21 सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों, 03 निजी क्षेत्र की बैंकों अर्थात एचडीएफसी बैंक, आईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक, 308 कोषागारों (सक्रिय), 64 रक्षा पेंशन संवितरण कार्यालयों (डीपीएओ), 01 पोस्ट ऑफिस, 05 वेतन लेखा कार्यालयों (पीएओ) के माध्यम में पूरे देशों में पेंशन संवितरित की जाती है। नेपाल में निवास कर रहे सैन्य बल पेंशनरों के लिए पेंशन का संवितरण 03 पेंशन पेइंग कार्यालयों (पीपीओ) के माध्यम से किया जाता है।

रक्षा पेंशन अदालत

भूतपूर्व सैनिकों का एक बड़ा तबका विशेष प्रकार ऑफीसर अधिकारी से नीचे के कार्मिक (पीबीओआर) और उनके परिवार ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बसे हैं। रक्षा पेंशन अदालतें रक्षा पेंशनरों की शिकायतों के निवारण हेतु उनके आवासीय स्थान/कार्य स्थल के निकट विश्वसनीय फोरम उपलब्ध कराती हैं। चूंकि संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि इस अदालत में उपस्थित रहते हैं इसलिए जहां तक संभव होता है, मौके पर ही समुचित निर्णय ले लिए जाते हैं। अदालत आदेशों, परिपत्रों, प्रक्रियाओं फॉर्मों और प्रपत्रों से संबंधित नवीनतम सूचना का प्रसार भी करती है। वर्ष 1987 से अब तक पूरे देश में 173 पेंशन अदालतों का आयोजन किया जा चुका है। विगत वर्षों के दौरान लगभग 13,627 शिकायतें प्राप्त हुईं थीं और पेंशन अदालतों में 12,076 शिकायतों का निपटारा किया गया था।

पेंशन संबंधी शिकायतें

डीईएसडब्ल्यू को भूतपूर्व सैनिकों से एक माह में औसतन लगभग 600 से 1000 अभ्यावेदन प्राप्त होते हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा इनकी जांच की जाती है और निराकरण हेतु उन्हें संबंधित एजेंसियों को भेज दिया जाता है तथा उसकी एक प्रति संबंधित व्यक्ति को दे दी जाती है ताकि वह यह जान सके कि उसका मामला कहां भेजा गया है। राज्य सरकारों से भी भूतपूर्व सैनिकों के लिए शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, लगभग 500-700 ऑनलाइन शिकायतें भी एक ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र pgportal.gov.in के जरिए प्राप्त हो रही हैं जिन्हें संबंधित संगठन/ सेना मुख्यालयों जो भूतपूर्व सैनिकों की शिकायतों का निवारण करते हैं के साथ इलेक्ट्रानिकली प्रोसेस किया जा रहा है और निवारण का स्टेट्स पोर्टल में भी अद्यतन किया जाता है। याचिकाकर्ता https://pgportal.gov.in/में अपनी पंजीकरण संख्या क्लिक करके अपनी शिकायत की स्थिति को इलेक्ट्रानिकली देख सकता है।