आरएमईडब्ल्यूएफ- गैर-पेंशन भोगी भूतपूर्व सैनिकों को चिकित्सा के लिए वित्तीय सहायता

  • पृष्ठभूमि

    सभी सशस्त्र सेनाओं के पेंशनभोगियों को ईसीएचएस के तहत 01 अप्रैल, 2008 से चिकित्सीय संरक्षण प्रदान किया गया है । तथापि, संस्थागत बाध्यताओं के कारण अपने जीवनकाल में पहले से ही सेवा से विमुक्त किए गए अथवा अपनी इच्छानुसार सेवामुक्त गैर पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों के पास ऐसा चिकित्सीय संरक्षण नहीं है । स्वास्थ्य देखभाल के लिए निरंतर बढ़ती लागतों के कारण गैर पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेषतौरपर वृद्धावस्था में बीमारियों से लड़ना अत्यंत कठिन हो गया है । इस आयु में चिकित्सीय खर्च भूतपूर्व सैनिकों को गरीबी में धकेल देते हैं जिससे उनकी प्रतिष्ठा को भी हानि होती है । यह योजना गरीबी से जूझ रहे और किसी भी अन्य आय के स्त्रोत से वंचित गैर पेंशनभोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वर्ष 1981 में प्रारंभ की गई थी ।

    वर्तमान स्कीम

    सहायता राशि रोग की प्रकृति एवं गंभीरता पर निर्भर करती है । इसे आखिरी बार अगस्त 2023, में परिशोधित किया गया था जिसमें चिकित्सीय इलाज के लिए प्रत्येक योग्य भूतपूर्व सैनिक/विधवा को प्रतिवर्ष अधिकतम 50,000/- रू. का एकबारगी अनुदान प्रदान किया गया । यह योजना गैर पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं को वर्ष के दौरान नैत्यिक चिकित्सीय खर्च उठाने के लिए वित्त्य सहायता प्रदान करती है । विविध प्रकार के गंभीर रोगों के इलाज का व्यय एक अलग योजना में संरक्षित किया जाता है ।

    लाभार्थियों की संख्या एवं वितरित राशि

    स्कीम के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में लाभार्थियों की सं. एवं वितरित की गई राशि नीचे दी गई है:-

    वित्त वर्ष लाभार्थियों की कुल संख्या कुल वितरित की गई राशि
    2019-20 36 926130
    2020-21 36 943211
    2021-22 17 398942

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