आरएमईडब्ल्यूएफ- गरीब भूतपूर्व सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता

  • पृष्ठभूमि

    बुढ़ापा कई चुनौतियों के साथ आता है । शारीरिक क्षमता में कमी और उम्र में अंतर की तरह स्वतंत्रता का नुकसान प्रक्रिया का एक संभावित हिस्सा है । क्योंकि बुजुर्ग विशेष रूप से अब नौकरी नहीं करते हैं इसलिए वित्त एक चुनौती हो सकती है । ये वित्तीय चुनौतियां उन भूतपूर्व सैनिकों के लिए ज्यादा हैं जो गैर-पेंशनभोगी हैं जिनकी आय का कोई स्त्रोत नहीं है और 65 वर्ष के ऊपर की आयु के हैं । एक छोटे रूप में उनके प्रयासों को कम करने के लिए वर्ष 1981 में 65 वर्ष की आयु होने पर गैर-पेंशनभोगी ईएसएम/उनकी विधवाओं के लिए दो वर्ष की अवधि के लिए प्रति माह 100 रू. की वित्तीय सहायता आरंभ की गई थी । इस धनराशि में परिवर्तन करके 2007 में एएफएफडी निधि की प्रबंधन समिति द्वारा 70/75 वर्ष की आयु में 30,000 रू. के अतिरिक्त एकबारगी प्रति माह अनुदान के साथ दो वर्षों के लिए किया गया । अक्टूबर 2011 में इस स्कीम को सरलीकृत और संशोधित करके जीवन भर के लिए 1,000 रू. प्रति लाभार्थी, प्रति माह में किया गया ।

    वर्तमान योजना

    वर्तमान स्कीम निर्धनता की स्थिति में गैर-पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिक (ईएसएम)/विधवाओं के लाभार्थियों हेतु अप्रैल, 2017 से 4,000 रू. जीवनभर के लिए लाभार्थी को प्रतिमाह की दर पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है । निर्धनता अनुदान हवलदार और समतुल्य रैंक के भूतपूर्व सैनिक उनकी विधवाओं जो 65 वर्ष की आयु के ऊपर हैं और कोई पेंशन प्राप्त नहीं करते हैं, को प्रदान किया जाता है । इस अनुदान का वित्त पोषण रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण निधि स्कीम के तहत सशस्त्र बल झंडा दिवस निधि में से किया जाता है ।

    लाभार्थियों की संख्या और वितरित धनराशि

    पिछले तीन वर्षों के दौरान उपर्युक्त योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या और वितरित धनराशि निम्नानुसार है:-

    लाभार्थियों की संख्या वितरित कुल धनराशि रू. में
    2019-20 7335 356292000
    2020-21 12520 601008000
    2021-22 12486 599000000

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